ट्रेंडिंग

गर्भावस्था में हेल्थ इंश्योरेंस कवर का महत्व

में पढ़ें

27 जुलाई 2020

33870 व्यूज़

प्रेग्नेंसी इंश्योरेंस खरीदने से मैटरनिटी के खर्च अच्छे से कवर हो जाते हैं. बढ़ते मेडिकल खर्चों ने परिवार बढ़ाने के इच्छुक दंपत्तियों को उचित फाइनेंशियल सहायता पाने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में, प्रेग्नेंसी इंश्योरेंस पॉलिसी लेना समझदारी होगी.

हालांकि, मैटरनिटी इंश्योरेंस में पॉलिसी की शर्तों को समझने में मुश्किल हो सकती है. जैसे, क्या आप जानते हैं कि मैटरनिटी पॉलिसी होते हुए भी आपको कैशलेस बेनिफिट के लिए 2-6 वर्षों तक इंतज़ार करना होगा? मैटरनिटी इंश्योरेंस में कई नियम और शर्तें होती हैं, जिन्हें स्पष्ट रूप से समझ लेना ज़रूरी होता है.

क्या आपने गर्भावस्था के दौरान सबसे अच्छा इंश्योरेंस खरीदा है और फिर डिलीवरी करवाई है? अगर आप तय नहीं कर पा रहे हैं, तो यहां दिए गए कुछ तथ्यों से आपको अपनी मौजूदा मैटरनिटी इंश्योरेंस का आकलन करने में, या एक नई पॉलिसी खरीदने में मदद मिलेगी.

गर्भावस्था और डिलीवरी को कवर करने वाला इंश्योरेंस क्या होता है?

मैटरनिटी इंश्योरेंस गर्भावस्था और डिलीवरी को कवर करता है, जिसमें इससे संबंधित सभी मेडिकल खर्च शामिल हैं. गर्भावस्था और डिलीवरी के खर्च तेज़ी से बढ़ रहे हैं. इसके अलावा, गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के समय जोखिम की संभावना भी रहती है. इसलिए एक सही समाधान की ज़रूरत पड़ती है. फाइनेंशियल खर्चों के कवर से दंपत्ति गर्भावस्था के दौरान चिंता-मुक्त हो सकते हैं. बदलती लाइफस्टाइल के साथ, गर्भावस्था से संबंधित जोखिमों और बढ़ते खर्चों के कारण, गर्भवती महिलाओं के लिए इंश्योरेंस ज़रूरी हो गया है.

प्रेग्नेंसी इंश्योरेंस की विशेषताएं और उसके तहत मिलने वाले बेनिफिट क्या हैं?

हर पॉलिसी प्रदाता के मैटरनिटी इंश्योरेंस की विशेषताएं और बेनिफिट एक-दूसरे से अलग होते हैं. आमतौर पर, मैटरनिटी इंश्योरेंस की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

प्रेगनेंसी इंश्योरेंस में कवरेज

अलग-अलग पॉलिसी में मैटरनिटी इंश्योरेंस के तहत मिलने वाले कवरेज अलग होते हैं और आमतौर पर इनमें निम्न शामिल हैं:

  • निर्धारित सीमा तक हॉस्पिटलाइज़ेशन खर्च
  • हॉस्पिटलाइज़ेशन से पहले और बाद के खर्च
  • डिलीवरी के खर्च
  • शिशु के टीकाकरण के शुल्क
  • एम्बुलेंस शुल्क
  • प्री-नेटल और पोस्ट-नेटल खर्च
  • निर्धारित सीमा तक इमरजेंसी कवर

 

मैटरनिटी इंश्योरेंस कवरेज के अपवाद

अपवाद वे पहलू होते हैं, जो मैटरनिटी पॉलिसी के तहत कवर नहीं किए जाते हैं. इसमें शामिल हैं:

  • नॉन-एलोपैथिक ट्रीटमेंट के खर्च
  • कंसल्टेशन शुल्क
  • नियमित सामान्य जांच
  • दवा के खर्च
  • डेंटल ट्रीटमेंट के खर्च
  • जन्मजात बीमारियां
  • गर्भपात होना (12 सप्ताह से कम में)
  • पहले से मौजूद बीमारी
  • AIDS ट्रीटमेंट से संबंधित खर्च
  • इन-विट्रो फर्टिलाइज़ेशन और बांझपन से संबंधित खर्च

 

प्रेग्नेंसी इंश्योरेंस का प्रीमियम

मैटरनिटी इंश्योरेंस में प्रीमियम किसी दूसरी इंश्योरेंस पॉलिसी से ज़्यादा होता है, क्योंकि मैटरनिटी इंश्योरेंस में खतरा ज़्यादा होता है और कंपनसेशन की भी पूरा संभावना होती है.

प्रेग्नेंसी इंश्योरेंस पॉलिसी के कवरेज में कुछ शर्तें होती हैं. मैटरनिटी पॉलिसी खरीदने से पहले पॉलिसी की शर्तों को अच्छे-से पढ़कर समझ लें, ताकि सभी बेनिफिट पा सकें.

अंत में, सबसे ज़रूरी पहलू - वेटिंग पीरियड

गर्भवती महिलाओं के लिए इंश्योरेंस खरीदते समय इस पहलू पर विशेष ध्यान दें. आमतौर पर, वेटिंग पीरियड 2-6 वर्षों तक होता है, जिससे पहले न तो कोई क्लेम किया जा सकता है, और न ही कोई पॉलिसी बेनिफिट रिडीम की जा सकती है. हालांकि, ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत, अगर प्रदाता ग्रुप प्लान में मैटरनिटी जोड़ देते हैं, तो मैटरनिटी कवर का वेटिंग पीरियड नौ महीनों से ज़्यादा नहीं होता.

गर्भावस्था में हेल्थ इंश्योरेंस कवर की ज़रूरत क्यों होती है?

नीचे कुछ कारण दिए गए हैं कि गर्भावस्था में हेल्थ इंश्योरेंस कवर क्यों ज़रूरी है:

1. प्राइवेट हॉस्पिटल में डिलीवरी के खर्च ज़्यादा होते हैं: सभी लोग क्वालिटी हेल्थकेयर लेना चाहते हैं, इसीलिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इलाज की हमेशा मांग होती है. जहां नॉर्मल डिलीवरी में लगभग ₹ 60,000 का खर्च होता है, वहीं सीज़ेरियन डिलीवरी में ₹ 1,50,000 तक खर्च हो सकता है. इसके अलावा, गर्भावस्था में जोखिम की भी संभावना होती है, जिस कारण डिलीवरी खर्च में कुल राशि पर असर पड़ सकता है. मैटरनिटी इंश्योरेंस ऐसे सभी खर्चों को कवर कर सकता है.

      2 इंश्योरेंस 1:st दिन से नवजात शिशु को कवर करता है: आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी नवजात शिशुओं को 90 दिनों के बाद ही कवर करती है, लेकिन मैटरनिटी कवरेज वाली इंश्योरेंस पॉलिसी शिशु को उसके जन्म से ही कवर करती है.

3. आप हर अप्रत्याशित घटना के लिए तैयार रह सकते हैं: प्रीमैच्योर बर्थ जैसी घटना होने पर नवजात शिशु को एक निश्चित समय के लिए इनक्यूबेटर में रखना होता है, जिसका खर्च प्रति दिन ₹ 10,000 तक हो सकता है.

निष्कर्ष

पूरा विवरण समझने के बाद आप गर्भावस्था के लिए एक उचित हेल्थ इंश्योरेंस कवर खरीद सकते हैं. आप मणिपाल सिग्ना प्रोहेल्थ प्रेफर्ड प्लान खरीद सकते हैं जो नॉर्मल डिलीवरी के लिए ₹ 50,000 तक और C-सेक्शन के लिए ₹ 1 लाख तक के मैटरनिटी खर्चों को कवर करता है.