घर वो जगह है जहां बीमारियां दूर होती हैं - डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन को समझें
में पढ़ें24 जनवरी 2024
499 व्यूज़रिकवरी की राह कभी-कभी लंबी और कठिन हो सकती है और कभी-कभी एक साधारण सा मेडिकल डायग्नोसिस एक लंबे समय के ट्रीटमेंट कोर्स में बदल सकता है. लेकिन अगर आपको पूरी तरह से ठीक होने तक हॉस्पिटल में रहना पड़े, तो इसकी लागत आपकी जेब पर भारी असर डाल सकती है. भले ही आपके पास पर्याप्त सम इंश्योर्ड के साथ एक बेहतरीन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान हो, तब भी आपको अपने पास से बहुत सारा खर्च करना पड़ सकता है. साथ ही, लंबे समय तक हॉस्पिटल में रहने से आपकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है, आप बेचैनी महसूस कर सकते हैं और आपकी रिकवरी धीमी हो सकती है. इसलिए, अगर आप सबसे अधिक आराम अपने घर में महसूस करते हैं, तो कोई कारण नहीं है कि आप वहां ठीक नहीं हो सकते. शुक्र है, हेल्थ इंश्योरेंस में डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन नाम का एक कवरेज कॉन्सेप्ट मौजूद है. इसके बारे में आप सब कुछ यहां जान सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस में डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन क्या होता है?
हेल्थ इंश्योरेंस में डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन हेल्थकेयर के बदलते रूप को दर्शाता है, जहां रोगी पर केंद्रित तरीके से इलाज ऑफर किया जाता है जो हॉस्पिटल की पारंपरिक सीमाओं से अलग हटकर मेडिकल केयर प्रदान करता है. इस कॉन्सेप्ट में पॉलिसीधारक/रोगी को अपने घर पर ही बीमारियों या चोटों के लिए आवश्यक मेडिकल ट्रीटमेंट देने का प्रावधान होता है, जिससे पारंपरिक तरीके से हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है.
डॉक्टर और नर्स समेत अनुभवी हेल्थकेयर प्रोफेशनल आवश्यक ट्रीटमेंट करने, प्रोग्रेस की निगरानी करने और अपने घर के परिचित वातावरण में निरंतर देखभाल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आपके हेल्थ इंश्योरेंस कवर के हिस्से के रूप में डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन सुविधाएं प्रदान कर, आपका इंश्योरर यह मानता है कि घर पर ही व्यवस्था करके कुछ मेडिकल स्थितियों को प्रभावी रूप से मैनेज किया जा सकता है, जिससे आराम और सुविधा दोनों मिलती है.
क्या आप जानते हैं? डॉक्टर आमतौर पर पहले बीमारी की प्रकृति और गंभीरता का आकलन करते हैं और फिर ट्रीटमेंट के उपयुक्त और प्रभावी तरीके के रूप में डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं. |
डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कैसे काम करता है?
डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन का अर्थ यह है कि यह एक अलग तरह के हेल्थकेयर मॉडल को दर्शाता है जिसमें आवश्यक मेडिकल केयर घर पर ही प्रदान किया जाता है. यह सिस्टम रोगी पर केंद्रित दृष्टिकोण और इस मान्यता पर काम करता है कि कुछ मेडिकल स्थितियों को पारंपरिक हॉस्पिटल की व्यवस्था के बाहर प्रभावी रूप से मैनेज किया जा सकता है. यह प्रक्रिया आमतौर पर इस प्रकार दर्शाई जा सकती है:
1. डॉक्टर की अनुशंसा
यह प्रक्रिया ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर की सलाह से शुरू होती है जो रोगी की स्थिति का आकलन करता है. बीमारी की प्रकृति और गंभीरता के आधार पर डॉक्टर यह तय करता है कि डोमिसिलियरी केयर उपयुक्त है या नहीं.
2. इंश्योरर द्वारा अप्रूवल
एक पॉलिसीधारक के रूप में आप डॉक्टर की सलाह के बाद अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रदाता से अप्रूवल प्राप्त कर सकते हैं. इसमें अक्सर विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट जमा करना और ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर से समर्थन प्राप्त करना होता है.
3. हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की नियुक्ति
अप्रूवल मिल जाने के बाद, डॉक्टरों और नर्सों सहित क्वालिफाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल रोगी के घर पर आवश्यक ट्रीटमेंट प्रदान करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं. इसमें दवाएं देना, डायग्नोस्टिक टेस्ट कराना और रोगी की सेहत की पूरी निगरानी करना शामिल होता है.
4. नियमित निगरानी
रोगी के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी करना अनिवार्य है. हेल्थकेयर प्रोफेशनल द्वारा नियमित होम विजिट करने से ट्रीटमेंट प्लान का प्रभावी होना सुनिश्चित होता है और इसमें आवश्यकतानुसार एडजस्टमेंट किया जा सकता है.
5. डॉक्यूमेंटेशन और रिपोर्टिंग
डोमिसिलियरी केयर के निरंतर अप्रूवल और कवरेज के लिए मेडिकल रिपोर्ट और चल रही ट्रीटमेंट के प्रोग्रेस सहित कॉम्प्रिहेंसिव डॉक्यूमेंटेशन उपलब्ध कराना आवश्यक है.
रोगियों पर केंद्रित यह पद्धति न केवल रोगी को आराम और सुविधा प्रदान करती है, बल्कि पारंपरिक रूप से हॉस्पिटल में भर्ती होने के किफायती विकल्प भी प्रदान करती है, जिससे यह पता चलता है कि भारत में हेल्थकेयर सिस्टम कितना सुविधाजनक और सुलभ है.
डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन के तहत इनक्लूज़न और एक्सक्लूज़न?
एक पॉलिसीधारक के रूप में अपनी अपेक्षाओं को मैनेज करने और अपने हेल्थकेयर कवरेज के बारे में समझदारी से निर्णय लेने के लिए, डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट के तहत क्या शामिल है और क्या शामिल नहीं है, इसे समझना आपके लिए आवश्यक है. इससे आप इस बात से अवगत रहते हैं कि हॉस्पिटल में भर्ती होने के मामले में क्या कवर किया जाता है और क्या सीमा से बाहर है.
क्या शामिल है | क्या शामिल नहीं है |
मेडिकल कंसल्टेशन | रूटीन चेक-अप |
डायग्नोस्टिक टेस्ट | गैर-आवश्यक उपचार |
इलाज | बीमारी के लिए निवारक उपाय |
नर्सिंग देखभाल | प्रायोगिक उपचार |
मेडिकल उपकरण | RDAI-निर्दिष्ट क्रॉनिक बीमारियां |
इनक्लूज़न
आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत मिलने वाले डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज में आपको अपने घर पर ही कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थकेयर कवरेज प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई कई तरह की मेडिकल सेवाएं शामिल होती हैं. सामान्यत: इसमें शामिल होते हैं:
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मेडिकल कंसल्टेशन:
रोगी के निवास पर उनकी देखभाल करने वाले डॉक्टरों और नर्सों जैसे क्वालिफाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल की कंसल्टेशन से जुड़ी फीस.
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डायग्नोस्टिक टेस्ट:
कवरेज में घर पर किए गए डायग्नोस्टिक टेस्ट से संबंधित खर्चे प्रदान किए जाते हैं, जिससे आप आवश्यक मेडिकल जांच आसानी से करा सकते हैं.
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इलाज:
घरेलू देखभाल के दौरान दी जाने वाली निर्धारित दवाओं से संबंधित खर्च सामान्यत: कवर किए जाते हैं.
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नर्सिंग देखभाल:
घर पर रोगी को आवश्यक देखभाल और सहायता प्रदान करने के लिए क्वालिफाइड नर्सिंग प्रोफेशनल को काम पर रखने की फीस भी कवर की जा सकती है.
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मेडिकल उपकरण:
कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में डोमिसिलियरी केयर के लिए आवश्यक मेडिकल उपकरण किराए पर लेने या खरीदने के खर्चों का कवरेज भी शामिल हो सकता है.
डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट के तहत एक्सक्लूज़न
अगर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट कवरेज प्रदान करती है, तब भी निम्नलिखित लागतें कवरेज के दायरे से बाहर होती हैं:
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रूटीन चेक-अप:
नियमित हेल्थ चेक-अप जो किसी विशिष्ट बीमारी से संबंधित नहीं हैं, आमतौर पर कवरेज के दायरे में शामिल नहीं होते हैं.
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गैर-आवश्यक उपचार:
ऐसे प्रोसीज़र जिन्हें रोगी के स्वास्थ्य को जोखिम में डाले बिना आगे के लिए टाला जा सकता है, हो सकता है वे इस प्लान में कवर नहीं किए जाएं.
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बीमारी के लिए निवारक उपाय:
मौजूदा मेडिकल स्थिति का समाधान करने के बजाय निवारक स्वास्थ्य उपायों पर ध्यान केंद्रित करने वाली सेवाएं आमतौर पर शामिल नहीं की जाती हैं.
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गैर-अनुशंसित डोमिसिलियरी केयर:
ऐसे मामले जहां ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर घरेलु देखभाल की सलाह नहीं देते हैं, उसे बाहर रखा जा सकता है.
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प्रायोगिक उपचार:
सामान्य मेडिकल प्रैक्टिस में व्यापक रूप से स्वीकृत नहीं किए जाने वाले प्रोसीज़र या उपचार आमतौर पर कवरेज के लिए पात्र नहीं होते हैं.
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IRDAI-निर्दिष्ट बीमारियां:
IRDAI द्वारा निर्दिष्ट कुछ क्रॉनिक बीमारियों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, मिर्गी, इन्फ्लूएंजा, हाइपरटेंशन, आर्थराइटिस, डायबिटीज़ आदि का ट्रीटमेंट कवरेज के लिए पात्र नहीं है.
क्या आप जानते हैं? डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट पारंपरिक हॉस्पिटलाइज़ेशन की तुलना में किफायती विकल्प प्रदान करता है. यह आपकी बदलती हेल्थकेयर आवश्यकताओं के अनुरूप व्यक्तिगत देखभाल को बढ़ावा देता है. |
भारत में डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट कवर के तहत लाभ
आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के हिस्से के रूप में डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट कवर लेना कई मायनों में फायदेमंद है. आपकी पॉलिसी के तहत यह कवर होने से आपको होने वाले लाभ यहां दिए गए हैं:
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लागत बचत:
पारंपरिक रूप से हॉस्पिटल में भर्ती होने की तुलना में डोमिसिलियरी केयर अक्सर अधिक किफायती होता है, जिससे एक पॉलिसीधारक के रूप में आप पर फाइनेंशियल बोझ कम हो जाता है.
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आराम और सुविधा:
रोगी अपने घर के परिचित वातावरण में ट्रीटमेंट लेते हैं, जो हॉस्पिटल में होने वाले ट्रीटमेंट संबंधी तनाव को कम करते हुए उनकी संपूर्ण सेहत को बेहतर बनाता है.
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व्यक्तिगत देखभाल:
ट्रीटमेंट प्लान रोगी की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार डिज़ाइन किए जाते हैं, जिससे एक पर्सनलाइज़्ड तरीके से स्वास्थ्य देखभाल की जाती है.
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संक्रमण का जोखिम कम रहता है:
घर की व्यवस्था हॉस्पिटल से होने वाले संक्रमण के जोखिम को कम करती है, जिससे रोगियों को सुरक्षित उपचार का वातावरण मिलता है.
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परिवार की भागीदारी:
डोमिसिलियरी केयर रोगी के परिवार के सदस्यों को भावनात्मक सपोर्ट प्रदान करके रोगी की रिकवरी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है.
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सुविधा:
रोगी एक सुविधाजनक दैनिक रूटीन फॉलो कर सकते हैं, जो एक सहज और आसान हेल्थकेयर अनुभव प्रदान करता है.
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संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग:
डोमिसिलियरी केयर हॉस्पिटल संसाधनों पर भार को कम करता है, इससे गंभीर मामलों के लिए आवश्यक बेड खाली मिल पाते हैं.
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बेहतर निगरानी:
नियमित होम विज़िट से रोगी के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी हो पाती हैं, जिससे समय पर ट्रीटमेंट प्लान के साथ एडजस्टमेंट सुनिश्चित होता है.
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क्वालीफाइड प्रोफेशनल तक पहुंच:
डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन में डॉक्टर और नर्स सहित अनुभवी हेल्थकेयर प्रोफेशनल जुड़े होते हैं, जो रोगी को घर पर ही एक्सपर्ट केयर प्रदान करते हैं.
क्या मेरी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन को कवर किया गया है?
आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन को कवर किया गया है या नहीं, यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि आपका इंश्योरर कौन है और आपके द्वारा चुने गए प्लान के तहत शामिल कवरेज के दायरे में क्या आता है. अधिकांश मामलों में, आप अपने नियमित हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के हिस्से के रूप में डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज का लाभ ले सकते हैं. हालांकि, अगर आपकी पॉलिसी में यह कवरेज शामिल नहीं है, तो आप इसे अतिरिक्त राइडर के रूप में खरीद सकते हैं. अगर आप इस विकल्प को चुनते हैं, तो आपको अपनी पॉलिसी की मौजूदा प्रीमियम दर से कुछ अतिरिक्त भुगतान करना होगा.
चाहे आप स्टैंडर्ड कवरेज लाभ या ऐड-ऑन के रूप में डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन वाली पॉलिसी का विकल्प चुनते हों, आपका इंश्योरर केवल सम इंश्योर्ड राशि तक या आपके हेल्थ प्लान के नियम और शर्तों के तहत उल्लिखित एक विशिष्ट राशि तक की लागत को ही कवर करता है.
घर पर हॉस्पिटलाइज़ेशन की लागत
डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन से जुड़े खर्चों को मोटे तौर पर दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है.
1. बुनियादी लागत:
जैसा कि पहले बताया गया है, डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन को आपकी पॉलिसी में बंडल्ड फीचर यानी साथ दी जाने वाली सुविधा के रूप में शामिल किया जा सकता है, या आप इसे अतिरिक्त राइडर के रूप में खरीद सकते हैं. पहले मामले में, ऐसे इन्क्लूज़न के लिए एक सटीक लागत या लगाए गए प्रीमियम के बारे में जानना मुश्किल हो सकता है. लेकिन, अगर आप इसे ऐड-ऑन राइडर के रूप में खरीदते हैं, तो आपका इंश्योरर राइडर जोड़ने से जुड़ी लागत का स्पष्ट उल्लेख करेगा.
2. क्लेम/सेटलमेंट की लागत:
क्लेम या सेटलमेंट राशि आपके इंश्योरर द्वारा वहन की जाने वाली लागत होती है. अगर आप डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट के लिए अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का फायदा लेने का विकल्प चुनते हैं, तो इस राशि का भुगतान इंश्योरर को करना होता है. यह राशि आम तौर पर इस बात पर निर्भर करती है और अलग-अलग होती है कि इंश्योर्ड व्यक्ति की बीमारी कितनी गंभीर है, वह कहां स्थित हैं, और कितनी अवधि के लिए उन्हें घर पर डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट की आवश्यकता है.
उदाहरण के लिए, अगर इंश्योर्ड रोगी किसी छोटे कस्बे या शहर, जैसे कि अहमदनगर में इलाज कराना चाहता है, तो डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन की लागत आमतौर पर मुंबई जैसे महानगर में इलाज करने वाले व्यक्ति की तुलना में कम होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता के कारण मुंबई में मेडिकल लागत, डॉक्टर की फीस, रहने का खर्च आदि अधिक होता है. हो सकता है, वही सुविधाएं छोटे शहरों में उपलब्ध नहीं हों, जहां रहने का खर्च भी आमतौर पर कम होता है.
TL;DR डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन क्लेम राशि - महत्वपूर्ण तथ्य
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उदाहरण से समझें कि डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज के लिए क्लेम लिमिट कैसे काम करती है
मान लीजिए कि आपके पास एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है जिसमें डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन लाभ भी शामिल है. यह पॉलिसी ₹20,00,000 के सम इंश्योर्ड के साथ आती है. आपके इंश्योरर ने पॉलिसी के सम इंश्योर्ड का 10% अर्थात ₹200,00 उस राशि के रूप में अलग रखा है, जिसे आप डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज के लिए क्लेम कर सकते हैं.
इंश्योरर आपसे या तो साप्ताहिक/पाक्षिक रूप से मूल बिल देने के लिए कह सकता है और कवरेज के लिए पात्र कुल ₹200,000 के कुछ हिस्से का किश्तों में भुगतान जारी कर सकता है. या, रोगी के ठीक होने के बाद आपको पूरा फाइनल बिल इंश्योरर को भेजना पड़ सकता है.
डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन तथ्य जो सभी को जानने चाहिए
पॉलिसीधारकों के लिए अपने हेल्थकेयर कवरेज का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट से जुड़े प्रभाव और आवश्यकताओं को समझना आवश्यक है:
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अवधि की सीमा:
किसी पॉलिसी में डोमिसिलियरी केयर के लिए एक अधिकतम अवधि निर्धारित की जा सकती है, जिसके बाद पारंपरिक रूप से हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ सकता है.
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अप्रूवल प्रक्रिया:
प्रायः इंश्योरर को डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन के लिए प्री-अप्रूवल की आवश्यकता हो सकती है. आप डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट लेने का निर्णय स्वयं नहीं ले सकते.
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डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है:
क्लेम प्रोसेस के लिए इलाज करने वाले डॉक्टर के सुझाव पत्र और विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट सहित उचित डॉक्यूमेंटेशन की आवश्यकता होती है.
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कवरेज लिमिट:
डोमिसिलियरी केयर के हर पहलू या ज़रूरत को कवर नहीं किया जा सकता है. कुछ ऐसे खर्चे या खर्चों पर सब-लिमिट हो सकती हैं, जिनसे अधिक खर्च आपको अपने पास से वहन करना पड़ सकता है.
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नियमित निगरानी:
इंश्योरर आपसे रोगी के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करने और जारी अप्रूवल और कवरेज के लिए उन्हें नियमित तौर पर रिपोर्ट प्रदान करने को कह सकता है.
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पॉलिसी रिन्यूअल पर प्रभाव:
अगर आप डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन का विकल्प चुनते हैं, तो आपको पॉलिसी रिन्यूअल के समय कुछ प्रभावों के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें अगले पॉलिसी वर्ष के लिए अधिक प्रीमियम होना भी शामिल है.
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जिम्मेदार उपयोग:
डोमिसिलियरी केयर के तहत निरंतर कवरेज सुनिश्चित करने के लिए सुझाए गए ट्रीटमेंट प्लान पर टिके रहना आवश्यक है.
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प्रदाता नेटवर्क:
जबकि हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना , आसान और समन्वित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए आपको अपने इंश्योरर के डोमिसिलियरी सेवाएं प्रदान करने वाले हेल्थकेयर प्रोफेशनल के नेटवर्क की जांच करनी चाहिए.
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फ्लेक्सिबिलिटी और कस्टमाइज़ेशन:
यह पॉलिसी के सुविधाजनक होने और विशिष्ट हेल्थकेयर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किस सीमा तक कस्टमाइज़ेशन की अनुमति देता है, इसकी जांच करने में भी मदद करता है.
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स्टैंडर्ड कवरेज बनाम ऐड-ऑन:
आपको यह चेक करना चाहिए कि क्या आप डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कवरेज के लिए पात्र हैं क्योंकि सभी पॉलिसियों में यह शामिल नहीं होता है. ऐसे मामलों में, आप इसे अतिरिक्त राइडर के रूप में खरीद सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस में डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कब आवश्यक और स्वीकार्य होता है
डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में आवश्यक और अनुमत दोनों हो जाता है, जिनमें शामिल हैं:
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बीमारी या चोट की गंभीरता:
जब बीमारी की प्रकृति के कारण घर पर ही प्रभावी ट्रीटमेंट और मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है.
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हॉस्पिटल में बेड की सीमित उपलब्धता:
ऐसी स्थितियों में जहां हॉस्पिटल में बेड अपर्याप्त या पूरी तरह से अनुपलब्ध हो, डोमिसिलियरी केयर एक अच्छे विकल्प के रूप में काम करता है.
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रोगी की पसंद:
अगर ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर के परामर्श से रोगी घर पर ही इलाज को प्राथमिकता देता है, तो डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट पर विचार किया जाता है.
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डॉक्टर की सिफारिश:
जब ट्रीटमेंट करने वाला डॉक्टर किसी विशिष्ट मेडिकल स्थिति के लिए ट्रीटमेंट के सबसे उपयुक्त और प्रभावी तरीके के रूप में डोमिसिलियरी केयर का सुझाव देता है.
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गंभीर बीमारियां:
ऐसे मामलों में जहां तत्काल हॉस्पिटल में भर्ती होने से रोगी के स्वास्थ्य के लिए काफी चुनौतियां या जोखिम पैदा हो जाती हैं, वहां डोमिसिलियरी केयर एक स्वीकार्य और तर्कसंगत विकल्प बन जाता है.
क्या आप जानते हैं? डोमिसिलियरी हॉस्पिटलाइजेशन भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम की अनुकूल और समावेशी प्रकृति का प्रमाण है, जो रोगियों के लिए पहुंच और पर्सनलाइज़्ड समाधानों को प्राथमिकता देता है. |
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