जैसा कि शब्द से ही पता चलता है, 'स्तन कैंसर' एक प्रकार का कैंसर है जो स्तनों में पाया जाता है. यह स्तन के अंदर की कोशिकाओं में उत्पन्न होता है. यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकता है, लेकिन महिलाओं में यह अधिक आम होता है. कैंसर की कोशिकाएं स्तन के अंदर एक स्थान पर एक साथ इकठ्ठा होने लगती हैं, जिससे आमतौर पर एक गांठ या ट्यूमर बन जाता है. स्तन को हल्का सा दबाने पर इस ट्यूमर को महसूस किया जा सकता है. इसके अलावा, स्तन के आकार या आकृति में भी परिवर्तन हो सकता है, या त्वचा की मोटाई में फर्क आ सकता है. कभी-कभी स्तन की त्वचा पर सूजन का एक पैच भी दिखाई पड़ सकता है.
भारत में, स्तन कैंसर महिलाओं में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है. हालांकि, पता लगाने के बेहतर तरीकों और जांच प्रक्रियाओं के साथ, इस तरह के कैंसर से बचने की दर बढ़ गई हैं क्योंकि इसका पता लगाना बहुत आसान है और शुरुआती चरणों में कॉम्बिनेशन थेरेपी से अच्छा परिणाम आता है.
स्तन कैंसर क्यों होता है?
विज्ञान ने पता लगा लिया है कि किसी व्यक्ति को स्तन कैंसर होने पर क्या होता है - स्तन के अंदर कुछ कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. इनकी संख्या स्वस्थ कोशिकाओं की संख्या से अधिक हो जाती हैं और स्तन के अंदर ट्यूमर बनाने के लिए एक साथ समूह बनाना शुरू करती हैं. कुछ मामलों में, स्तन कैंसर की कोशिकाएं स्तन से लसीका ग्रंथियों तक और वहां से शरीर के अन्य भागों तक फैलती या बढ़ती हुई देखी जाती हैं.
महिलाओं में, यह अक्सर दूध उत्पन्न करने वाले नलिकाओं में होता है. इसे इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा के नाम से जाना जाता है. पुरुषों और महिलाओं दोनों में, टिश्यू या स्तन कोशिकाओं के अंदर इनवेसिव लोबुलर कार्सिनोमा नाम के स्तन कैंसर के कुछ रूप होते हैं.
हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि क्यों स्तन कैंसर कुछ लोगों में होता है और अन्य लोगों में नहीं. स्तन कैंसर अक्सर पर्यावरण, जीवनशैली, आनुवंशिक और हार्मोनल कारकों के परिणामस्वरूप होता है. जिन लोगों में स्तन कैंसर के लिए-आनुवंशिक पूर्वानुकूलता, धूम्रपान जैसी आदतों के जोखिम कारक आदि अधिक होते हैं - जो उनकी स्थिति को और भी खराब कर सकते हैं, ज़रूरी नहीं है कि उन लोगों को कैंसर होगा ही. जबकि, ऐसे लोगों को यह कैंसर हो सकता है, जिनमें इसके शून्य जोखिम कारक होते हैं या इस बीमारी के लिए कोई भी प्रवृत्ति नहीं होती. इसका मतलब यह है कि इस बीमारी का कारण आपकी हेल्थ प्रोफाइल, प्रदूषण से संपर्क, तनाव, जंक फूड, व्यायाम की कमी आदि जैसे कई कारकों का एक साथ आना हो सकता है.
स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं?
जैसा कि ऊपर बताया गया है, स्तन कैंसर में स्तन में एक गांठ दिखाई देती है. इसे हाथ से महसूस किया जा सकता है. अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
जोखिम कारक
कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है. नीचे बताए गए कुछ मामलों में बीमारी होने के जोखिम बढ़ जाते हैं:
स्तन कैंसर का डायग्नोस करवाना:
उपचार:
स्तन कैंसर के सभी इलाजों और सर्जरी को कैंसर को अधिकतम हटाने और इसे फिर से रोकने के लिए बनाया गया है. बीमारी के चरण, इसके फैलने की सीमा और इसके स्थान के आधार पर, डॉक्टर उपचार का एक प्लान तैयार कर सकते हैं, जिसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:
डिस्क्लेमर: यहां दिए गए विवरण केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए हैं. बीमारी और इसके इलाज से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए कृपया किसी संबंधित योग्य विशेषज्ञ से परामर्श लें.
स्तन कैंसर के बाद खुद की देखभाल करना
जल्द मेडिकल हस्तक्षेप और सही इलाज आपके शरीर के कैंसर को मैनेज करने और हटाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. जितनी जल्दी इसका पता लगा लिया जाता है और उसे समाप्त कर दिया जाता है, उतनी ही उसके दुबारा से होने की संभावना उतनी ही कम हो जाती है.
डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब किए गए उपचार के कोर्स के अलावा, और भी कई तरीकों से महिलाएं इस बीमारी को मैनेज कर सकती हैं और जीवन को बेहतर गुणवत्ता के साथ जी सकती हैं:
* पोषक तत्वों, विशेष रूप से एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार खाएं. एक डायटिशियन क्या खाना है और क्या नहीं खाना है इसके लिए आहार की सलाह दे सकता है.
* अपनी क्षमता के अनुसार व्यायाम करें और सक्रिय रहें. जब शरीर उच्च एरोबिक एक्टिविटी को सहन करने में सक्षम हो, तो धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता को बढ़ाएं.
* स्तन कैंसर से पीड़ित अन्य लोगों के सपोर्ट ग्रुप में शामिल हों. इससे डिप्रेशन दूर रहता है और ग्रुप में अच्छे डॉक्टर, नए उपचार आदि का सुझाव भी मिल सकता है.
* अगर आप चाहें, तो आप नई कैंसर दवाओं के क्लीनिकल ट्रायल के लिए भी साइन-अप कर सकते हैं. लेकिन, पहले अपने डॉक्टर के साथ ऐसा करने के फायदों और नुकसान पर ज़रूर चर्चा कर लें.
* इलाज के दौरान अपने मन को सकारात्मक बनाएं रखें, और खुश रहने और नकारात्मक विचारों से दूर रहने के लिए अपने शौक में व्यस्त रहें.